HINDI
Discourses on Shri Ramcharitamanasa (Hindi)
गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्रीरामचरितमानस में कहा गया है की रामकथा गूढ है जिसमें अनेक रत्न छिपे हुए हैं। जैसे पर्वतों मे छिपे हुए मणियों को देखने के लिए एक मर्मी की आवश्यकता होती है वैसे ही रामकथा की भी बात है। स्वामी तेजोमयानन्दजी ने अपने प्रवचनों में स्वयंप्रकाश भक्ति मणि को मधुर व सरल भाषा में प्रकट किया है। इसी प्रकार अध्यात्म के अन्यान्य विषयों पर भी प्रकाश डाला है। कथा श्रवण पठन की सार्थकता इसी में है की ह्रदय में श्रीरामप्रेम उत्पन्न होकर निरंतर बढ़ता जाए। स्वामीजी ने इसी बात को बारम्बार दोहराया है। श्रीराम प्रेम ज्ञान को सरस बना देता है। हमें विश्वास है की सभी साधकों की प्रार्थना होगी की प्रिय लागहु मोहि राम।
Geeta Tatparya Bodhini (Sankhya yoga pravachan) Hindi
श्रीमद् भगवद् गीता के दूसरे अध्याय (साङ्ख्ययोग) पर परमपूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के सुश्राव्य और बोधप्रद प्रवचन|
प्रस्थानत्रयी - श्रीमद् भगवद् गीता, उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र, इस आधारशिला पर सनातन वैदिक धर्म चिरस्थित है| इनमें से श्रीमदभगवद्गीता मानव जीवन के हर स्तर की समस्याओं के समाधान को उजागर करती हुई सभी साधकों को आध्यात्मिक साधना की गहराई को छूने के लिए मार्गदर्शन करती हुई भवद्वेषिणी के रूप में प्रस्तुत है|
इस गीता के तात्पर्य का अवबोधन जगद्-गुरु भगवान श्रीकृष्ण के ह्रदय के साथ तदाकारता हुए बिना बड़ा कठिन है| यह तात्पर्य चिन्मय मिशन सिद्धबाड़ी के ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के प्रवचनों की विद्वत्तापूर्ण शैली से सुज्ञ साधकों को अवगत होता है| पूज्य स्वामीजी के गहन गंभीर चिंतनशील प्रवचनों के संग्रह की दूसरी कड़ी श्रीगुरुतत्व को समर्पित करते हैं|
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